Krishna puja vidhi for Janmashtami is an essential ritual that takes place on midnight of day of birth of Lord Krishna, i.e. Bhadrapada Krishna Paksha 8th day (according to Hindu calanader).
(कृष्ण पूजा विधि भगवान् श्री कृष्ण के जन्मदिन (भाद्रपद कृष्ण अष्टमी तिथि) पर आधी रात को किया जाने वाला परम आवश्यक अनुष्ठान है.)
This easy Baby Krishna puja vidhi can be performed quickly on Janmashtami with bliss.
(इस सरल कृष्ण पूजा विधि की सहायता से जन्माष्टमी पर भगवान् कृष्ण की पूजा बड़े आनंद के साथ शीघ्रता से कर सकते हैं.)
Krishna Puja Vidhi Video (कृष्ण पूजा विधि विडियो) :
Things Required For Krishna Puja (कृष्ण पूजा के लिये आवश्यक सामग्री)
- चौकी (Chawki)
- लाल वस्त्र (चौकी के लिये) (Red Cloth for Chawki)
- बालकृष्ण की मूर्ति या चित्र (Idol or photo of Baby Krishna)
- सिंहासन (Asana)
- पंचामृत (Panchamrit)
- गंगाजल (Gangajal, Sacred Water of Holy River Ganga)
- दीपक, घी, बत्ती (Lamp, Ghee, Wick)
- धूपबत्ती (Dhoopstick)
- अष्टगंध चन्दन या रोली (Ashgandha Chandan or Roli)
- अक्षत (कच्चा साबुत चावल) (Raw Rice)
- तुलसी (Holy Basil Leaves)
- माखन मिश्री व अन्य भोग सामग्री (Makhan Mishri and other sweets)
- कृष्ण जी के लिये श्रृंगार सामग्री (Clothes and Ornaments for Lord Krishna)
- इत्र (Scent)
- फूलमाला (Flower Garland and Flowers)
कृष्ण पूजा विधि (Steps of Krishna Puja)
- चौकी पर लाल कपड़ा बिछा लीजिये. (Spread red cloth on chawki)
- भगवान् कृष्ण की मूर्ति चौकी पर एक पात्र में रखिये. (Put a plate on chawki and place idol of baby krishna in it)
- अब दीपक जलाइये और साथ ही धूपबत्ती भी जला लीजिये. (Light the lamp) (Also light the dhoopstick)
- भगवान् कृष्ण से प्रार्थना करें कि, “हे भगवान् कृष्ण ! कृपया पधारिये और पूजा ग्रहण कीजिये !” (Pray to Lord Krishna, “O lof Krishna! Please come to receive puja.”)
- श्री कृष्ण को पंचामृत से स्नान कराइये. (Offer panchamrit bath to Lord Krishna)
- फिर गंगाजल से स्नान कराइये. (Offer Gangajal bath to Lord Krishna)
- अब श्री कृष्ण को वस्त्र पहनाइये और श्रृंगार कीजिये. (Offer clothes, ornaments to Lord Krishna)
इसके बाद पंचोपचार पूजा कीजिये ( Now do Panchopachar Puja)
- भगवान् कृष्ण को दीप दिखाइये (Offer Lamp to Lord Krishna)
- इसके बाद धूप दिखाइये (Offer Dhoopstick to Lord Krishna)
- अष्टगंध चन्दन या रोली का तिलक लगाइये और साथ ही अक्षत (चावल) भी तिलक पर लगाइये (Put Tilak of Ashtagandha chandan or Roli. Also put rice over tilak).
- माखन मिश्री और अन्य भोग सामग्री अर्पण कीजिये और तुलसी का पत्ता विशेष रूप से अर्पण कीजिये. साथ ही पीने के लिये गंगाजल रखिये. (Offer Makhan Mishri and other sweets. Also offer Holy Basil Leaf especially. Accompanied this, offer Gangajal to drink).
- इत्र अर्पण कीजिये और फिर फूलमाला अर्पण कीजिये (Offer scent, flower garland and flowers).
अब श्री कृष्ण का इस प्रकार ध्यान कीजिये (Now meditate on Lord Krishna like this)
- श्री कृष्ण बच्चे के रूप में पीपल के पत्ते पर लेटे हैं. (Baby Krishna is lying down on a peepal tree leaf)
- उनके शरीर में अनंत ब्रह्माण्ड हैं और वे अंगूठा चूस रहे हैं. (His body has infinite creations and he is sucking his thumb)
- इसके साथ ही श्री कृष्ण के नाम का अर्थ सहित बार बार चिंतन कीजिये (Also contemplate on his name mantra Krishna).
- कृष् का अर्थ है “आकर्षित करना” (Krish means “to attract“) और ण का अर्थ है “परमानंद या पूर्ण मोक्ष” (Na means “Parmanand, the bliss or Liberation“).
- इस प्रकार कृष्ण का अर्थ है, वह जो परमानंद या पूर्ण मोक्ष की ओर आकर्षित करता है, वही कृष्ण है. (Therefore meaning of Krishna is, Who attracts all creatures towards bliss or liberation is Krishna).
- मैं उन श्री कृष्ण को प्रणाम करता/करती हूँ. वे मुझे अपने चरणों में अनन्य भक्ति प्रदान करें. (I bow to that Krishna. And I pray him to give me full devotion in his lotus feet.).
विसर्जन विधि (Visarjan Vidhi) :
- विसर्जन के लिये हाथ में फूल और चावल लेकर चौकी पर छोड़ें और कहें : (Offer rice and flower on chawki and say…)
- “हे भगवान् कृष्ण! पूजा में पधारने के लिये धन्यवाद् ……” (“O Lord Krishna! Many thanks to come for puja…”)
- “कृपया मेरी पूजा और जप ग्रहण कीजिये और पुनः अपने दिव्य धाम को पधारिये.” (“Please receive my offerings, recitation and reside again at your divine place.”)
इस प्रकार यह कृष्ण पूजा जन्माष्टमी के दिन और रोज़ाना भी कर सकते हैं.
(This esay Krishna puja can be performed on Janmashtami or Daily at home)
यह कृष्ण पूजा भगवान् के श्री चरणों में भक्ति की वृद्धि करती है और परमानंद प्रदान करती है.
(This Krishna puja increases devotion in lotus feet of Lord Krishna and gives everlasting bliss.)
Krishna Janmashtami Date : 5 Sep. 2015
Muhurt (or Time for Krishna Puja on 5 sep. 2015 midnight) : 23:56 to 24:42
कृष्ण जन्माष्टमी तिथि : 5 सितम्बर 2015
मुहूर्त (5 सितम्बर मध्यरात्रि में पूजा का समय) : 23:56 से 24:42 तक